कोरोना काल में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्थिति बद से बदतर
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By Admin
Published - 29 April 2021 113 views
कोरोना काल में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ जरूर जोर देकर कह रहे हैं कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन अस्पताल में मरीजों को एडमिट करवाने के लिए भटक रहे परिजन कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं. राज्य के बड़े-बड़े अस्पताल इस समय ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे हैं. कई जगह तो ऑक्सीजन खत्म के नोटिस लगा दिए जा रहे हैं..... राजधानी के टेंडर पाम अस्पताल में बीती रात ऑक्सीजन खत्म हो जाने से पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई है। अस्पताल के संचालक अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को फोन कर रहे हैं। मगर उन्हें कोई मदद नहीं पहुंची |
जानकारी के अनुसार यहां पर तकरीबन 100 मरीज ऑक्सीजन पर हैं, जिनकी जान खतरे में पड़ गई है। अफरा-तफरी और हाहाकार की स्थिति पैदा होने से पुलिस बल मौके पर है। किसी तरीके से लगभग एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था तत्काल रूप से कराई गई है, जो अगले एक कुछ घंटो तक बैकअप दे सकता है। मगर अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। इससे भर्ती मरीजों के तीमारदार दहशत में हैं। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहा है। इस मामले पर हर कोई अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है।
वहां मौजूद तीमारदारों में से कई के मरिजो की ऑक्सीजन ना होने के चलते मौत हो गई, जिसके बाद उनमें सरकार के खिलाफ गहरा आक्रोष है।
तीमारदारों में से एक पीड़ित युवती से बात करने पर उसने प्रदेश की स्वस्थ व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप लगा कर अपना क्रोध व्यक्त किया है|
यह हाल तब है, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन दवा इत्यादि की कमी नहीं होने पाए, लेकिन अधिकारी हैं कि वह मानने को तैयार नहीं। वह अपने ही चाल में चल रहे हैं। इससे मरीजों की जान आफत में पड़ गई है............... तीमारदार प्रदीप कुमार ने बताया कि अस्पताल के संचालक दोपहर से ही अधिकारियों व मंत्रियों से लगातार बात कर रहे हैं। अभी भी कई अधिकारी उनसे संपर्क में हैं। मगर अभी तक कोई ऑक्सीजन दिलवा नहीं पाया है। वहां करीब 100 मरीज भर्ती हैं। सभी की जान को खतरा बना हुआ है। इससे एक दिन पहले सिप्स अस्पताल के संचालक भी इसी तरह ऑक्सीजन ढूंढ रहे थे। मगर उन्हें भी कहीं ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। यह हालत सिर्फ एक या दो अस्पतालों की नहीं है, राजधानी के ज्यादातर निजी व सरकारी अस्पतालों में यही हालात बने हुए हैं। जहां पर सिर्फ 2 से 8:00 -10 घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है|
upnews24.in
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